नकली सैनिटाइजर और मास्क बनाने वाली कंपनी पर छापा, 55 लाख का सामान जब्त

कोरोना से बचाव के लिए सैनिटाइजर और मास्क की मांग बढ़ने के बाद बाजार में नकली सामान बेचकर काली कमाई की जा रही है। शनिवार को जिला प्रशासन के नेतृत्व में ड्रग विभाग की टीम ने सेक्टर-63 में नकली सैनिटाइजर और मास्क बनाने वाली कंपनी पर छापा मारा। अधिकारियों ने यहां से करीब 50 लाख रुपये के नकली सैनिटाइजर और 5 लाख के नकली मास्क जब्त किए हैं। वहीं,95800 बोतल-ढक्कन समेत और 79200 लेबल जब्त किए हैं। मौके से दो कर्मचारियों को भी हिरासत में लिया गया है। ड्रग विभाग की ओर से फेज-थ्री कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।


दादरी एसडीएम राजीव राय ने बताया कि बाजार में सैनिटाइजर और मास्क की कमी हुई तो कुछ लोगों ने नकली उत्पाद बनाकर बेचने शुरू कर दिए। सूचना मिलने पर डीएसओ आरएन सिंह, ड्रग इंस्पेक्टर नोएडा अखिलेश जैन, बागपत के ड्रग इंस्पेक्टर वैभव बब्बर और गाजियाबाद के ड्रग इंस्पेक्टर पूर्णचंद आदि की एक टीम गठित की गई।

शनिवार शाम को वह टीम के साथ सेक्टर-63 के ए-48 में एसजी नामक कंपनी पहुंचे। निरीक्षण में पाया गया कि बिना लाइसेंस के मास्क और सैनिटाइजर बनाए जा रहे थे। टीम के पहुंचने पर 8 से 10 कर्मचारी भाग निकले। जबकि अकाउंट में काम करने वाले बुलंदशहर निवासी मदनलाल और मथुरा निवासी रोहित को हिरासत में ले लिया गया। बताया कि कंपनी से 220 किलोग्राम के तीन ड्रम समेत95800 बोतल-ढक्कन और 79200 लेबल जब्त किए हैं।

जब्त सैनिटाइजर की कीमत करीब 50 लाख रुपये है। इसके अलावा 5 हजार से अधिक बने हुए मास्क भी बरामद किए हैं। इनकी कीमत करीब 5 लाख रुपये है। कर्मचारियों से पूछताछ में जानकारी मिली है कि बीते एक सप्ताह में करीब 5 लाख रुपये का माल बाजार में सप्लाई किया जा चुका है। मास्क और सैनिटाइजर बनाते समय मानक का पालन नहीं किया जा रहा था और न ही कोई उपकरण मिला है। साथ ही निर्माण के लिए लाइसेंस भी नहीं लिया गया था।

पूछताछ में कर्मचारियों ने यह भी बताया कि दिल्ली के पटपड़गंज निवासी आनंद शर्मा, गाजियाबाद स्थित शिप्रा सनसिटी निवासी सतेंद्र सिंह व इंदिरापुरम निवासी आशीष सहाय कंपनी के मालिक हैं। कार्रवाई के दौरान तीनों ही मौजूद नहीं थे। कंपनी को 15 से 20 दिन पहले ही शुरू किया गया था। बता दें कि इस समय कालाबाजारी के कारण लोगों को सैनिटाइजर और मास्क उपलब्ध ही नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में इनकी गुणवत्ता की परख करना दूर की कौड़ी साबित हो रहा है। बाजार में नकली सैनिटाइजर और मास्क की बिक्री जोरों पर है और इसका दाम भी फिक्स नहीं है।